तंत्रिकार्ति या तंत्रिकाशूल या स्नायुशूल (Neuralgia) का अर्थ है किसी संवेदी तंत्रिका के विभाग में वेदना (दर्द) होना। इससे तंत्रिकामूल या तंत्रिकाप्रकांड में क्षति, प्रदाह या क्षोभ होना लक्षित होता है। वेदना जलन, भोंकने, काटने, फटने तथा उत्स्फोटक जैसी हो सती है, या झुलझुली, जड़ता या मीठे दर्द का रूप भी ले सकती है। विशेष अंगों के तंत्रिकाशूल का रोगी कभी कभी अपंग भी हो जाता है।
त्रिधारा तंत्रिकाशूल, या समूचे या आधे चेहरे, (मुख्यत: जबड़े और जीभ में) इस प्रकार का दर्द प्राय: हुआ करता है। इसमें रोगी को ...
विकिपीडिया में अधिक पढ़ेंएक लक्षण या बीमारी टाइप करें और जड़ी-बूटियों के बारे में पढ़ें जो मदद कर सकती हैं, एक जड़ी बूटी टाइप करें और बीमारियों और लक्षणों को देखें जिनके खिलाफ इसका उपयोग किया जाता है।
* सभी जानकारी प्रकाशित वैज्ञानिक शोध पर आधारित है