गला बैठना अथवा स्वर बैठना गले की उस अवस्था को कहते हैं जिसमें बोलते समय साथ में साँस भी तेजी से आये, आवाज में कर्कशपन आ जाये अथवा आवाज में तनाव अथवा स्वर कमजोर हो जाये। गला बैठना दुःस्वरता का लक्षण है जिसे गलती से इसके पर्याय के रूप में भी काम में लिया जाता है।
विकिपीडिया में अधिक पढ़ेंएक लक्षण या बीमारी टाइप करें और जड़ी-बूटियों के बारे में पढ़ें जो मदद कर सकती हैं, एक जड़ी बूटी टाइप करें और बीमारियों और लक्षणों को देखें जिनके खिलाफ इसका उपयोग किया जाता है।
* सभी जानकारी प्रकाशित वैज्ञानिक शोध पर आधारित है