कणकवकता या कर्णमक्षिकता (Otomycosis) यह बाह्यकर्ण का एक छूत का रोग है जो प्राय: श्रवणछिद्र पर होता है। ऐसा माना जाता है कि ये रोग बाह्य जीवाणुनाशक औषधियों के प्रयोग का कुपरिणाम होता है। ये जीवाणुनाशक औषधियाँ फ़ंगस जीवाणुओं हेतु एक पीढ़ीवर्धक पोषक का कार्य करती हैं। इस रोग में मुख्यत: भाग लेनेवाले फ़गस या तो एस्परगिलस समूह से संबद्ध होते हैं या फिर केंडिडा एल्वीकेंस समूह के होते हैं। यह रोग ऊष्ण या अधोष्ण जलवायु में अधिक प्रखर होता है।
कान का परीक्षण करने पर पता चलता है कि कर्णछिद्र एक प्रकार के भीगे ...
विकिपीडिया में अधिक पढ़ेंएक लक्षण या बीमारी टाइप करें और जड़ी-बूटियों के बारे में पढ़ें जो मदद कर सकती हैं, एक जड़ी बूटी टाइप करें और बीमारियों और लक्षणों को देखें जिनके खिलाफ इसका उपयोग किया जाता है।
* सभी जानकारी प्रकाशित वैज्ञानिक शोध पर आधारित है