सर्पगन्धा एपोसाइनेसी परिवार का द्विबीजपत्री, बहुवर्षीय झाड़ीदार सपुष्पक और महत्वपूर्ण औषधीय पौधा है। इस पौधे का पता सर्वप्रथम लियोनार्ड राल्फ ने १५८२ ई. में लगाया था। भारत तथा चीन के पारंपरिक औषधियों में सर्पगन्धा एक प्रमुख औषधि है। भारत में तो इसके प्रयोग का इतिहास ३००० वर्ष पुराना है। सर्पगन्धा के पौधे की ऊँचाई ६ इंच से २ फुट तक होती है। इसकी प्रधान जड़ प्रायः २० से. मी. तक लम्बी होती है। जड़ में कोई शाखा नहीं होती है। सर्पगन्धा की पत्ती एक सरल पत्ती का उदाहरण है। इसका तना मोटी छाल से ढका रहता ...
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* सभी जानकारी प्रकाशित वैज्ञानिक शोध पर आधारित है