अंकोल नामक पौधा अंकोट कुल का एक सदस्य है। वनस्पतिशास्त्र की भाषा में इसे एलैजियम सैल्बीफोलियम या एलैजियम लामार्की भी कहते हैं। वैसे विभिन्न भाषाओं में इसके विभिन्न नाम हैं जो निम्नलिखित हैं-
संस्कृत : अंकोट, दीर्घकील
हिंदी : दक्षिणी ढेरा, ढेरा, थेल, अंकूल ; सहारनपुर क्षेत्र- विसमार
यह बड़े क्षुप (shrub) या छोटे वृक्ष (3 से 6 मीटर लंबे) के रूप में पाया जाता है। इसके तने की मोटाई 2.5 फुट होती है। तथा यह भूरे रंग की छाल से ढका रहता है। पुराने वृक्षों के तने तीक्ष्णाग्र होने से काँटेदार
एक लक्षण या बीमारी टाइप करें और जड़ी-बूटियों के बारे में पढ़ें जो मदद कर सकती हैं, एक जड़ी बूटी टाइप करें और बीमारियों और लक्षणों को देखें जिनके खिलाफ इसका उपयोग किया जाता है।
* सभी जानकारी प्रकाशित वैज्ञानिक शोध पर आधारित है