फालसा दक्षिणी एशिया में भारत, पाकिस्तान से कम्बोडिया तक के क्षेत्र मूल का फल है। इसकी पैदावार अन्य उषणकटिबन्धीय क्षेत्रों में भी खूब की जाती रही है।इसकी झाड़ी ८ मी तक की हो सकती है और पत्तियां चौड़ी गोलाकार, 5–18 सें मी लम्बी होती हैं। इसके फ़ूल गुच्छों में होते हैं, जिनमें एक-एक पुष्प २ सेंमी व्यास का होता है और इसमें १२ मि.मी की ५ पंखुड़ियाम होती हैं। इसके फल ५-१२ मि.मी व्यास के गोलाकार फ़ालसई वर्ण के होते हैं जो पकने पर लगभग काले हो जाते हैं।
एक लक्षण या बीमारी टाइप करें और जड़ी-बूटियों के बारे में पढ़ें जो मदद कर सकती हैं, एक जड़ी बूटी टाइप करें और बीमारियों और लक्षणों को देखें जिनके खिलाफ इसका उपयोग किया जाता है।
* सभी जानकारी प्रकाशित वैज्ञानिक शोध पर आधारित है