'प्रतिकारक (Antidotes) वे पदार्थ हैं जिनका व्यवहार विषों के अपकारी प्रभाव (हानिकारक प्रभाव) को रोकने के लिये होता है।
कुछ प्रतिकारक विषों के साथ संयुक्त हो उसके बुरे प्रभाव का निराकरण कर देते हैं। उदाहरण के लिए यदि विष कोई प्रबल अम्ल है तो मृदुक्षार, जैसे तनु ऐमोनिया (आधे पाइंट जल में एक चम्मच ऐमोनिया) या चूने का पानी, मैग्नीशिया, खड़िया आदि के व्यवहार से अम्ल के प्रभाव का निराकरण किया जाता है। विष यदि प्रबल क्षार है, तो उसका प्रतिकार मृदु अम्लों, तनु ऐसीटिक अम्ल, सिरका, नीबू के रस से किया जा सकता ...
विकिपीडिया में अधिक पढ़ेंएक लक्षण या बीमारी टाइप करें और जड़ी-बूटियों के बारे में पढ़ें जो मदद कर सकती हैं, एक जड़ी बूटी टाइप करें और बीमारियों और लक्षणों को देखें जिनके खिलाफ इसका उपयोग किया जाता है।
* सभी जानकारी प्रकाशित वैज्ञानिक शोध पर आधारित है