सिंघाड़ा या 'सिंघाण' (संस्कृत : शृंगाटक) पानी में पसरने वाली एक लता में पैदा होने वाला एक तिकोने आकार का फल है। इसके सिर पर सींगों की तरह दो काँटे होते हैं। चीनी खाने का यह एक अभिन्न अंग है। इसको छील कर इसके गूदे को सुखाकर और फिर पीसकर जो आटा बनाया जाता है उस आटे से बनी खाद्य वस्तुओं का भारत में लोग व्रत उपवास में सेवन करते हैं क्योंकि इसे एक अनाज नहीं वरण एक फल माना जाता है। अंग्रेजी भाषा में यह Water caltrop, Water Chestnut आदि नामों से भी जाना जाता है।
सिंघाड़ा भारतवर्ष के प्रत्येक प्रांत में ...
एक लक्षण या बीमारी टाइप करें और जड़ी-बूटियों के बारे में पढ़ें जो मदद कर सकती हैं, एक जड़ी बूटी टाइप करें और बीमारियों और लक्षणों को देखें जिनके खिलाफ इसका उपयोग किया जाता है।
* सभी जानकारी प्रकाशित वैज्ञानिक शोध पर आधारित है